अगर ये चार घटनाएं न होती, तो गंभीर भी होते क्रिकेट के शिखर पर
भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर एक बार फिर सुर्खियों में हैं. उड़ी में शहीद हुए 17 सैनिकों को लेकर गौतम के एक ट्वीट ने उन्हें एक बार फिर विवादों में ला खड़ा किया है. गौतम ने एक ट्वीट कर कहा था कि किसी भी क्रिकेटर से कहीं ज्यादा सेना के जवान बायोपिक डिजर्व करते हैं. गौतम के इस ट्वीट को कई क्रिकेट पंडित भारतीय कप्तान एम एस धोनी की आने वाली फिल्म पर कटाक्ष बता रहे हैं. हालांकि ये पहली बार नहीं है जब गंभीर अपने विवादास्पद बयान के कारण सुर्खियों में आए हैं. इससे पहले भी वे खेल के मैदान पर अपनी गर्म मिजाजी के कारण कई बार नुक्सान उठा चुके हैं.

साल 2007, पाक का भारत दौरा : 2007 में चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान भारत का दौरा करने पहुंची थी. भारत 2004 में हुई सीरीज में पाक को उसके ही घर में पटखनी दे चुका था. जाहिर है, पाक इस सीरीज में शर्मनाक हार का बदला लेने को आतुर था. भारतीय पारी के दौरान पाक के नायाब खिलाड़ी शाहिद अफरीदी की गेंद पर गंभीर ने दनदनाता चौका मारा था और दूसरी ही गेंद पर उन्होंने एक सिंगल की कोशिश की लेकिन रन लेने के दौरान ही गंभीर अफरीदी से टकरा गए और दोनों के बीच बहस फिर भद्दी गालियो में तब्दील होती चली गई जिसे यूट्यूब पर भी देखा जा सकता है. मैच रेफरी रोशन महानामा ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए गौतम और अफरीदी पर क्रमश: 65 और 95 फीसदी मैच फीस का जुर्माना लगाया था.

साल 2008, बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी : दिल्ली में खेले गए इस टेस्ट मैच के 51वें ओवर में गंभीर ने दूसरा रन लेते हुए ऑस्ट्रेलिया के हरफनमौला खिलाड़ी शेन वॉटसन को कोहनी मारी थी. यही नहीं, इससे पहले भी दोनों खिलाड़ियों के बीच बहस का दौर चला था. हालांकि गंभीर ने अपने बचाव में बयान दिया था कि वह जानबूझकर नहीं बल्कि गलती से वॉटसन से टकरा गए थे लेकिन आईसीसी ने उन्हें लेवल 2 का दोषी पाया और उन पर एक मैच का प्रतिबंध लगा दिया गया. वहीं वाटसन को अपनी मैच फीस का 10 फीसदी हिस्सा गंवाना पड़ा. गौतम ने हालांकि शानदार प्रदर्शन करते हुए उस मैच में दोहरा शतक जड़ने में कामयाबी हासिल की थी.

साल 2013, आईपीएल सीजन 6 : रॉयल चैलेंजर्स बेंग्लोर और कोलकाता नाइटराडर्स के बीच खेले गए मैच में गौतम इस बार अपने ही शहर के गर्म मिजाज़ खिलाड़ी यानि विराट कोहली से भिड़ बैठे थे. बेंग्लोर की पारी के दसवें ओवर के दौरान बालाजी ने जब कोहली को आउट किया तो गौतम गंभीर और कोहली के बीच बहस और गालियों का दौर शुरु हो गया. कोलकाता के रजत भाटिया ने बीच-बचाव करते हुए मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की और दोनों खिलाड़ियों को अंपायरों ने चेतावनी देकर छोड़ दिया गया.

साल 2015, रणजी ट्रॉफी मैच: फिरोजशाह कोटला में दिल्ली और कोलकाता के बीच हुए रणजी मुकाबले के दौरान क्रिकेट शर्मसार होने से बाल बाल बचा था. जेंटलमैन गेम कहे जाने वाले इस खेल में उस दिन नौबत हाथापाई तक पहुंच गई थी. मनोज तिवारी बैटिंग के लिए जब उतरे तो उन्होंने हेलमेट की जगह केवल कैप पहना था और जब दिल्ली के कप्तान गंभीर ने तेज गेंदबाज को अटैक पर लगाया तो वह हेलमेट की डिमांड करने लगे. इस पर गंभीर ने तिवारी पर समय खराब करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि 'तू शाम को बाहर मिल, तुझे मैं बताता हूं'. जिस पर तिवारी का जवाब था कि 'शाम को क्यों, मामले को अभी ही निपटा लेते हैं' और दोनों खिलाड़ियों के बीच जबरदस्त तनातनी शुरू हो गई. मामले की गंभीरता देख, अंपायर के. श्रीनाथ दोनों खिलाड़ियों की तरफ पहुंचे लेकिन गंभीर के गुस्से का आलम यह था कि उन्होंने अंपायर को भी धक्का दे दिया. उनके इस व्यवहार को देखते हुए डीडीसीए ने गौतम पर पचास फीसदी मैच फीस का जुर्माना लगाया था.

2003 में बांग्लादेश के खिलाफ अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत करने वाले गौतम को भारतीय टीम के भरोसेमंद खिलाड़ियों में से एक माना जाता रहा है. साल 2008 से 2011 तक उन्होंने इसे साबित भी किया है. इस दौरान 2008 में भारत के लिए उन्होंने वन डे में सबसे ज्यादा रन बनाए और 2009 में वे भारत के लिए टेस्ट मैचों में सर्वाधिक शतक बनाने वाले खिलाड़ी रहे. लेकिन 2011 के बाद परिस्थितयां बदलने लगी, फील्ड पर अपने एग्रेशन के लिए पहचाने जाने वाले गंभीर ने अपना आखिरी टेस्ट 2012 में और आखिरी वन डे 2013 में खेला था. उनके एग्रेसिव रवैये को ही उनके पतन की एक वजह माना जाता है.
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