ये कंपनी आपके जज़्बातों को शब्दों में पिरो कर भेजती है आपके खास के पास, अब तक भेज चुकी है 2500 लेटर्स
क्या आपको पता है सबसे हिम्मत वाला काम कौन सा होता है? हम जिससे प्यार करते हैं, उससे प्यार का इज़हार करना. पर टेंशन की बात नहीं है. एक ऐसा आदमी है हमारे देश में, जो आपके जज़्बातों को शब्द देता है. अंकित अनुभव नाम का ये शख्स आपके प्यार को अपने शब्दों में पिरो कर आपके खास के दिल में पहुंचाता है. आप समझे नहीं तो आपको बता दें कि अंकित दूसरों के लिए लव-लैटर लिखता है.

हर रोज़ अंकित तकरीबन 10 लेटर्स लिखते हैं. हर लेटर के लिए वो कुछ न कुछ चार्ज करता है. इस काम के लिए अंकित ने एक कम्पनी खोल रखी है, जिसका नाम है 'The Indian Handwritten Letter Co. (TIHLC)'. अंकित बताते हैं कि उनकी कम्पनी अच्छा व्यापार कर रही है. छह महीने पहले स्थापित ये कंपनी अब तक लगभग 2,500 लेटर्स भेज चुकी है, जिनमें से अधिकांशत लव लेटर्स हैं. अंकित ने जब ये शुरू किया था, तब 'LetterMail' और 'Callyally' जैसी लेटर लिखने वाली कंपनियां भी बाज़ार में थी. एक लेटर लिखने के लिए अंकित की कंपनी 99 रुपए लेती है. लेटर लिखने के ज़्यादातर आर्डर दिल्ली और एनसीआर इलाकों से आते हैं.

इन लेटर लिखने वाली कंपनियों के फाउंडर्स का ऐसा मानना है कि आज के ज़माने में Whatsapp और फेसबुक सन्देश की फीलिंग को खत्म कर देते हैं. मेसेज टाइप करना एक मैकेनिकल प्रोसेस बन गया है और लोग इसे महसूस करने लगे हैं. इसलिए वो इस काम के लिए हमें कहते हैं. हम लोगों के वो पुराने प्यार के तरीकों को वापस लाना चाहते हैं, जैसे लव-लेटर लिखना और फूल भेजना. LetterMail के फाउंडर सुमंयु वर्मा का मानना है कि ईमेल आप डिलीट कर सकते हैं, पर ये लेटर्स आपको हमेशा प्यार का एहसास दिलाते रहेंगे.
कैसे काम करते हैं ये लोग?

आपको अगर किसी को कोई मेसेज भेजना है, तो ज़्यादा टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं है. आपको इनके पास बस एक मेल भेजना है, जिसमें आपका सन्देश टाइप होगा. फिर उसको ये लोग हाथ से लिख कर आपके चाहने वाले के पास भेज देंगे. एक उदाहरण देते हुए अंकित ने कहा कि एक बीमार औरत जो अपनी पोती को एक चिट्ठी भेजना चाहती थी, हमने उसके पास घंटों बिताये और उसके ज़ज्बातों को शब्दों में ढाल दिया. ये एक चुनौतीपूर्ण और संतुष्टिदायक काम है.
हम तो कहते हैं कि सबको ये शुरू कर देना चाहिए, पर इस भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में किसी के पास इतना वक़्त ही नहीं है. इसलिए अंकित जैसे लोग आपकी मदद करने निकल पड़े हैं. एक बार किसी अपने को लिख कर देखिये, बहुत अच्छा लगता है.
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